विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नोएडा में स्थित कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए कफ सिरप इस्तेमाल न करने के लिए चेतावनी दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उज्बेकिस्तान में कफ सिरप पीने से हुई 19 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। जिसमें नोएडा में स्थित कंपनी मैरियन बायोटेक को ज़िम्मेदार टहराया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके कफ सिरप न इस्तेमाल करने की सलाह दी है। उज्बेकिस्तान में हुई घटना के बाद उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मैरियन बायोटेक कंपनी का उत्पादन लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दोनों कफ सिरप की जांच उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं में की गई। इनमें दूषित पदार्थों के रूप में डायथिलीन ग्लाइकोल या एथिलीन ग्लाइकोल की मानक के विपरीत मात्रा शामिल है, जिससे बच्चों की मौत तक हो सकती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर जारी अलर्ट में कहा कि यह मेडिकल प्रोडक्ट दूषित उत्पाद को संदर्भित करता है। जो कि गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल साबित होते हैं। इन्हें बनाने वाली कंपनी भारत के उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड है। ये दो प्रोडक्ट एम्बरोनॉल सिरप और डीओके-1 मैक्स सिरप है। डब्ल्यूएचओ ने आगे लिखा कि इन प्रोडक्ट की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी नहीं दी है।
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