फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त- 3 मार्च को सुबह 9 बजकर 1 मिनट तक
पूजा का शुभ समय- सुबह 06 बजकर 45 मिनट से 11 बजकर 06 मिनट तक
आमलकी एकादशी सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की पूजा करें। भगवान विष्णु को पीला फूल, माला, पीला चंदन, चढ़ाएं। इसके साथ ही घी का दीपक और धूप जलाएं और आरती करते समय एकादशी व्रत कथा, चालीसा आदि का पाठ करें। व्रत रखने के बाद दूसरे दिन शुभ मुहूर्त में पारण कर दें।
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 06 बजकर 45 मिनट से दोपहर 3 बजकर 43 मिनट तक
सौभाग्य योग- सुबह से लेकर शाम 6 बजकर 45 मिनट तक
शोभन योग- शाम 6 बजकर 45 मिनट से शुरू होगा।
आमलकी एकादशी व्रत का पारण 4 मार्च को सुबह 6 बजकर 44 मिनट से 9 बजकर 3 मिनट तक कर सकते हैं।