Chaitra Navaratri 2023: चैत्र नवरात्रि के आगमन से सभी भक्त भक्तिभाव में डूबे नज़र आते हैं। दिन रात मां दुर्गा और उनके नौ स्वरुपों की आरधना होती है तन के साथ मन भी शुद्ध हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक वर्ष में 4 बार नवरात्रियां आती है। चैत्र माह में वसंत नवरात्रि, आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि, आश्विन माह में शारदीय नवरात्रि और माघ माह में गुप्त नवरात्रि आती है। ये सभी नवरात्रियां एक दूसरे से भिन्न होती है।
शारदीय नवरात्रि को बंगाल में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इसे दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। वहीं चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है। आषाढ़ माह और माघ माह में भी नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है इन माह में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि इस नवरात्रि में तंत्र साधना जैसी सिद्धियां की जाती है। आइए आपको बताते हैं कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि में क्या अंतर होता है।
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चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष का आगमन होता है। और वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इसे भारत के महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में मनाया जाता है। इसके अंत में रामनवमी आती है तथा शक्ति और विष्णु की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि को आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि और मोक्ष के लिए मनाया जाता है। इस नवरात्रि में पूजा-अर्चना और साधना का खास महत्व होता है। इसमें कठिन व्रत और कठिन साधना को अधिक महत्व दिया जाता है।
शारदीय नवरात्रि वर्ष के मध्य में आती है इसके साथ ही ठंड का आरंभ होता। इसका पश्चिम बंगाल और गुजरात में अधिक महत्व होता है। शारदीय नवरात्रि को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस नवरात्रि के अंत में दुर्गा नवमी आती है। इस नवरात्रि को सात्विक साधना, नृत्य और उत्सव के रुप में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि को सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति हेतु मनाया जाता है।
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