Chaitra Navratri Day 4: नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा विधि और व्रत कथा

Anjum QureshiPublish Date: 25 Mar, 2023
Chaitra Navratri Day 4: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन दुर्गा माता के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की आराधना होती है। कहा जाता है कि देवी का निवास स्थान सूर्यमंडल के बीच में है तो इस कारण देवी का तेज, प्रकाश और बल संसार को प्रदान होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सृष्टि में अंधकार फैल गया था तब देवी के मंद मुस्कान से सृष्टि में अंधकार का नाश हो गया और जगत की उत्पत्ति हुई। देवी कुष्मांडा आदिशक्ति का वह स्वरूप है। माता की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि मां की पूजा विधि भोग, और लाभ

ऐसे करें मां कुष्मांडा की पूजा

नवरात्रि के चौथे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें साफ वस्त्र धारण करें। माता कुष्मांडा को नमन करें। मां को जल पुष्प अर्पित करें। पूजा के दौरान फूल, धूप, गंध, भोग चढ़ाएं। पूजा के बाद मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं। प्रसाद वितरित करें और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।

मां कुष्मांडा की साधना के लाभ

देवी कुष्मांडा की साधना और पूजा से भक्त पर आने वाले संकटों का नाश होता है। सुख की प्राप्ति होती है। रोगों का नाश होता है। मां की पूजा करने से हर प्रकार का भय मिट जाता है। मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

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