Guruwar Kele Ki Puja: सप्ताह का गुरुवार का दिन भगवान बृहस्पति को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त विधि-विधान से गुरु भगवान की पूजा करता है, उसके सभी कष्ट और दुख दूर होते है।साथ ही जीवन में आ रही कठिनाइयां दूर होती है और नौकरी-बिजनेस में तरक्की मिलती है।
शास्त्रों के अनुसार, गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने का विधान है। अगर इस दिन भक्त बृहस्पति भगवान का व्रत रखते है, तो उन्हें केले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान गुरु की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इसके साथ ही कथा को सुनना या पढ़ना चाहिए। गुरुवार का दिन भगवान नारायण का माना जाता है। मान्यता है कि केले के जड़ की गुरुवार को पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। ऐसे में अगर आप भी भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते है, तो इस पूजा विधि को अपनाना चाहिए।
गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करना करें। इस दिन विशेष रूप से पीले रंग का महत्व होता है, इसलिए स्नान के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण कर लें। भगवान विष्णु का ध्यान रखते हुए व्रत का संकल्प लें और उनकी विधि-विधान पूर्वक पूजा करें। श्री विष्णु की पूजा में पीले फूल, पीले चंदन के साथ पीले रंग का भोग लगाएं।
इस भोग में चने की दाल और गुड़ को भी चढ़ाया जाता हैं। इसके बाद धूप, दीप आदि जलाकर बृहस्पति देव के व्रत कथा का पाठ करें और इसके बाद केले की जड़ में जल अर्पण कर दिनभर फलाहार व्रत रखकर शाम को पीले रंग का भोजन ग्रहण कर व्रत को खोले।