मांस और मदिरा का सेवन तो आम दिनों में भी नहीं करना चाहिए। हनुमान जयंती के दिन मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें। ये अशुभ माना जाता है।
हनुमान जयंती पर बजरंगबली की खंडित मूर्ति या चित्र का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि खंडित मूर्ति अशुभ मानी जाती है। खंडित मूर्ति या चित्र को अपने पास नहीं रखना चाहिए।
हनुमान जयंती की अवसर पर हनुमान जी की पूजा में गलती से भी काले या सफेद रंग के कपड़े न पहनें। इससे बुरे फल की प्राप्ति होती है।
घर में किसी की मृत्यु हो तो पूजा नहीं करनी चाहिए। सूतक काल में पूजा करना या कोई शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है। सूतक काल 13 दिनों तक मनाया जाता है।
हनुमान जयंती पर नमक का सेवन न करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप जिन वस्तुओं का दान करना चाहते हैं, उसमें नमक न हो।
हनुमान जयंती के दिन ब्रह्मचर्य का कड़ाई से पालन करना चाहिए।
हनुमान जयंती पर बजरंगबली के चरणामृत से स्नान न करें। बजरंगबली की पूजा में चरणामृत विधान नहीं होता है।