Hanuman Jayanti 2023: आज हनुमान जयंती का पर्व है | हनुमान जयंती हिंदू धर्म के मानने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस दिन को हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार बलशाली हनुमान शिव जी के 11वें अवतार माने जाते हैं। उन्होंने एक वानर का रूप लिया और माता सीता की खोज तथा लंका को जला कर राख कर दिया। अहंकारी रावण का वध करने में भगवान राम की मदद की। कहा जाता है कि तीनों लोकों में बलशाली हनुमान से अधिक शक्तिशाली कोई नहीं है। आइए जानते हैं कि हनुमान जयंती के पर्व का महत्व, तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

जानें हनुमान जयंती का महत्व

पवन पुत्र हनुमान को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है। हनुमान को शक्ति, ज्ञान, बल और बुद्धि का प्रतीक है। हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर विधि-विधान से पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और हनुमान जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। कहते हैं कि संकट मोचन हनुमान भक्तों के सभी संकट दूर कर लेते हैं।

हनुमान जयंती की तिथि

  • चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 05 अप्रैल 2023, बुधवार, प्रातः 09 बजकर 19 मिनट से 
  • चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि समाप्त- 06 अप्रैल 2023, गुरुवार, प्रातः 10 बजकर 04 बजे तक 
  • उदया तिथि के अनुसार हनुमान जयंती 6 अप्रैल गुरुवार को मनाई जाएगी।

हनुमान जयंती की पूजा का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष हनुमान जयंती पर पूजन के 6 मुहूर्त है, हनुमान की पूजा तीन पहर में इन शुभ मुहूर्त में पूजा की जा सकती है।

  1. सुबह 06 बजकर 06 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक
  2. सुबह 10 बजकर 49 मिनट से दोपहर में 12 बजकर 23 मिनट तक 
  3. दोपहर में 12 बजकर 23 मिनट से 01 बजकर 58 मिनट तक
  4. दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक
  5. शाम 05 बजकर 07 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक 
  6. शाम 06 बजकर 41 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक


हनुमान जयंती के दिन जानें पूजा विधि 

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। 
  • साफ सुथरे कपड़े पहनें।  
  • सुबह उठकर ही व्रत का संकल्प ले लें। 
  • हनुमान मंदिर जाकर हनुमान जी की मूर्ति को सिंदूर अर्पित करें। 
  • लाल चंदन, अक्षत्त, मौली, फूल, धूप-दीप, वस्त्र, फल, पान आदि वस्तुएं चढ़ाएं।
  • इसके बाद आरती करें। 
  • और आखिर में प्रसाद वितरित कर दें। 
  • एक बाद का अवश्य ध्यान रखें कि इस दिन हनुमान जी के साथ साथ भगवान राम और माता सीता की भी पूजा अवश्य करें।