Hanuman Jayanti 2023: आज हनुमान जयंती का पर्व है | जो पूरे भारत में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाएगा। आज के दिन हनुमान जी के मंदिर में भक्तों की भीड़ होगी। यूं तो भगवान हनुमान के मंदिर आपको जगह जगह देखने को मिल जाएंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में हनुमान जी के ऐसे ऐसे मंदिर हैं जिन्हें देखकर आप हैरान हो जाएंगे। इन मंदिरों में पूजा करने से हनुमान जी की विशेष कृपा होती है। सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि कहां हैं ये मंदिर और क्या मान्यता हैं इन मंदिरों की।
1- हनुमान की लेटी प्रतिमा, इलाहाबाद/प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
यहां बजरंगबली की 20 फीट लम्बी प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में रखी है। इस मंदिर में काफी संख्या में भक्त आते हैं। कहा जाता है कि जब बारिश होती है तो प्रतिमा जलमग्न हो जाती है फिर से प्रतिमा को किसी और स्थान पर ले जाया जाता है। हर साल जब यहां भक्त गंगा स्नान के लिए आते हैं तो इस मंदिर में भी ज़रुर आते हैं।
2- हनुमानगढ़ी, अयोध्या उत्तर प्रदेश
श्रीराम की जन्मस्थली के पास मौजूद इस प्रतिमा के दर्शन करने के लिए 60 साीढ़ियों को चढ़ना पड़ता है। ये एक ऊंचे टीले पर स्थित है। अयोध्या नगरी के दर्शन इस मंदिर के बिना अधूरे हैं। इस मंदिर के पास ही सुग्रीव टीला और अंगद टीला भी है।
3- हनुमान धारा, चित्रकूट उत्तर प्रदेश
ये मंदिर भी उत्तर प्रदेश में मौजूद है। बताया जाता है कि यह मंदिर काफी प्राचीन है। चित्रकूट पर्वतमाला पर स्थित इस मंदिर के पास से हमेशा जलधारा निकलती रहती है। इसलिए इसे हनुमान धारा मंदिर के नाम से जाना जात हैं इस मंदिर में हनुमान की मूर्ति के ऊपर दो कुंड हैं दोनों कुंडों में हमेशा पानी भरा रहता है
4- श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर, गुजरात
इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मूर्ति की प्रतिष्ठा के समय इसमें भगवान हनुमान का आवेश हुआ और ये प्रतिमा हिलने लगी। इस मंदिर को स्वामीनारायण सम्प्रदाय ने बनवाया था। इस सम्प्रदाय का मात्र यही एक हनुमान मंदिर है। इस मूर्ति की प्रतिष्ठा महायोगिराज गोपालानंद स्वामी द्वारा की गई थी।
5- हनुमान दंडी मंदिर, गुजरात
गुजरात में ही प्रसिद्ध ये दूसरा मंदिर है जहां पर हनुमान जी मकरध्वज के साथ हैं। कहा जाता है कि अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण को यहीं रखा था। जब हनुमान जी उन्हें खोजते हुए यहां पहुंचे तो मकरध्वज के साथ उनका युद्ध हुआ। और उन्होंने मकरध्वज को परास्त कर श्री राम और लक्ष्मण को अपने साथ ले गए।