होली शुरू करने से पहले होलिका दहन किया जाता है। श्री हरि नरसिंह अवतार धारण किया था और दैत्यराज हिरण्यकशिपु का वध किया था, होलिका दैत्यराज हिरण्यकशिपु की बहन थी जो प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई थी लेकिन प्रहलाद को तो कुछ नहीं हुआ परंतु होलिका अग्नि में जलकर भस्म हो गई थी। इसलिए होलिका दहन के अगले दिन नृसिंह स्तोत्र का पाठ करें। इस वर्ष होली बुधवार के दिन है तो इस दिन भगवान गणेश की पूजा करें। भगवान गणेश के अलावा राधा-कृष्ण को भी गुलाल अर्पित करें।