Jagannath Rath Yatra 2022: आज 01 जुलाई से भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) शुरु हो रही है। ऐसे में देशभर के श्रद्धालुओं के बीच इस यात्रा को लेकर एक अलग ही प्रकार का उत्साह और जोश देखने को मिल रहा है। भगवान जगन्नाथ की यह प्रसिद्ध रथ यात्रा दो साल बाद होने जा रही है, ऐसे में इस रथ यात्रा में दूर राज्यों से आए लोगों के शामिल होने की बात भी सामने आई है।
आपको बता दें कि इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ तीन भव्य रथों में सवार होकर निकलते हैं। इसके साथ ही इन तीन लकड़ी के भव्य रथों में इसमें सबसे पहला रथ भगवान जगन्नाथ का, दूसरा भाई बलराम और तीसरा बहन सुभद्रा का होता है। इसके अलावा हर साल होने वाली यह यात्रा पूरे 9 दिन तक चलती है, इस साल यह यात्रा आज से प्रारंभ होकर 12 जुलाई तक चलेगी।
वहीं, आज के इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ट्वीट करते हुए लिखा, “रथयात्रा के विशेष दिन की बधाई। हम भगवान जगन्नाथ से उनके निरंतर आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। हम सभी को अच्छे स्वास्थ्य और खुशियां मिले।”
Greetings on the special day of Rath Yatra. We pray to Lord Jagannath for his constant blessings. May we all be blessed with good health and happiness.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 1, 2022
Sharing what I had spoken about the Rath Yatra and the importance of a Yatra in our culture during the recent #MannKiBaat. pic.twitter.com/RnREC22ACQ
दूसरी ओर, आज इस खास मौके पर देश के गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सुबह करीब 4 बजे मन्दिर पहुंच कर भगवान जगन्नाथ के दर्शन किये। इसके साथ ही उन्होंने भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती की। मंदिर के पुजारी ने कहा कि 'मंगला आरती' परंपरा कई सालों से चली आ रही है।
Did Mangla Aarti at Shri Jagannath Temple in Ahmedabad. Jai Jagannath. #RathYatra pic.twitter.com/vIslwYmhnJ
— Amit Shah (@AmitShah) July 1, 2022
इसके अलावा इस साल हो रही श्री जगन्नाथ रथ यात्रा के इस विशेष अवसर पर गुरुवार की शाम को, प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक(Sand Artist Sudarshan Pattnaik) ने ओडिशा स्थित पुरी के समुद्र तट पर भगवान जगन्नाथ की एक बेहद ही सुंदर रेत की मूर्ति बनाई। भगवान जगन्नाथ की इस मूर्ति के अलावा उन्होंने 125 छोटे रेत के रथ भी बनाए।
Jai Jagannath…🙏
— Sudarsan Pattnaik (@sudarsansand) June 30, 2022
With the blessings of Mahaprabhu #Jagannath we have created 125 Sand Ratha at Puri beach for #RathaYatra. pic.twitter.com/snxdgigmtJ
बता दें कि पटनायक के नाम पहले से ही 100 रेत से रथ बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है और ऐसे में इस बार पुरी के समुद्र तट पर 125 रेत रथ बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में एक और रिकॉर्ड बनाने का प्रयास कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पटनायक ने अपने रेत कला संस्थान के छात्रों के साथ इन मूर्तियों को पूरा करने में लगभग 14 घंटे का समय लिया।
वहीं, इन तस्वीरों को बनाने वाले पटनायक ने इस मौके कहा, “ माना जाता है कि रेत कला की उत्पत्ति 16 वीं शताब्दी में रथ यात्रा के दौरान हुई थी, जिसकी शुरुआत जगन्नाथ के कट्टर भक्त और एक प्रसिद्ध कवि बलराम दास ने की थी, जिन्हें कभी सेवकों द्वारा अपमानित किया गया था और रथ यात्रा के दौरान रथ खींचने की अनुमति नहीं थी। फिर वह समुद्र तट पर गया और रेत पर रथों को गढ़ा।”
My SandArt at with message “let us pledge to say NO to single-use plastic”. #RathaYatra 🙏 https://t.co/Tk7dJyjDDI pic.twitter.com/PeyIcXyIPZ
इसके अलावा पटनायक ने लोगों से रथ यात्रा के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने और पर्यावरण को साफ रखने की भी अपील की।