Joshimath Sinking: जोशीमठ का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है इस बीच वहां से चौंकाने वाली खबर सामने आई है। ऋषिकेश से जोशीमठ के बीच 309 जगह पर भूस्खलन हुए है, यानी हर एक किलोमीटर पर 1 से ज्यादा लैंडस्लाइड हुआ है। जोशीमठ के आसपास के पहाड़ अस्थिर हैं। इन भूस्खलनों के पीछे बारिश जैसे प्राकृतिक कारण हैं।
यूरोपीय जियोसाइंस यूनियन में जोशीमठ की चर्चा के दौरान भारतीय-विदेशी वैज्ञानिकों की टीम ने स्टडी के बारे में बताते हुए कहा कि इस भूस्खलनों के पीछे केवल बारिश और प्राकृतिक आपदा के अलावा सड़क निर्माण और सड़क चौड़ा करना भी है। पहाड़ो पर जनसंख्या तेज़ी से बढ़ रही है इसके अलावा हर साल लोग घूमने फिरने के लिए पहाड़ी इलाकों का रुख करते है, लोगों की सुविधाओं के लिए वहां अधिक सड़कों का निर्माण किया जाता है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार वर्षों में भूस्खलन की घटनाओं में उत्तराखंड में लगभग 160 लोगों की मौत हुई। पिछले साल अक्टूबर में भूस्खलनों को मांपा गया था
गूगल अर्थ से पता चली स्थिति
गूगल अर्थ से आई तस्वीरों की स्टडी के मुताबिक क्षेत्र की कमजोर जमीन के साथ ही ढलानों को काटने की खराब प्रैक्टिस के चलते इन सड़कों का रखरखाव चुनौतीपूर्ण हो गया है, इसलिए पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गई है। बताया गया है कि हिमालयी क्षेत्र में सड़क निर्माण तेजी से बढ़ा है। पिछले पांच सालों में, हिमालयी राज्यों में 11,000 किमी सड़कों का निर्माण किया गया था।