Mahavir jayanti 2023: अपना राजपाट, सुख सुविधाओं को त्याग कर साधारण और कष्ट भरा जीवन जीना किसी आम मनुष्य के बस की बात नहीं है। ऐसा महान कार्य करने वाली महान आत्मा भारत की धरती पर ही जन्म लेती है। भगवान महावीर का जन्म राजपरिवार में हुआ था उन्होंने सभी सुख सुविधाओं को त्याग कर संसार को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया। जानें ऐसे महान व्यक्तित्व के बारे में 10 अहम् बातें।
1- भगवान महावीर का जन्म एक राजपरिवार में हुआ था तथा वह एक राजकुमार थे। राजपरिवार होने के कारण उनके पास धन और वैभव की कोई कमी नहीं थी। परंतु भगवान महावीर सत्य की तलाश में निकल गए और सुख सुविधाओं भरा जीवन त्याग दिया।
2- भगवान महावीर तीस वर्ष की आयु में ही राजपाट को त्यागकर सत्य की खोज में निकल गए। उन्होंने साढ़े बारह वर्षों तक कठिन तपस्या की। इसके बाद उन्होंने सत्य और आत्म साधना को प्राप्त कर लिया।
3- भगवान महावीर का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ| उनके बचपन का नाम वर्धमान था।
4- भगवान महावीर का जन्म ईसा से 599 वर्ष पहले वैशाली गणतंत्र के कुण्डग्राम में हुआ | उनके पिता क्षत्रिय राजा सिद्धार्थ और माता रानी त्रिशला थी
5- भगवान महावीर का कठिन तप किसी पराक्रम से कम नहीं, इसलिए उन्हें वीर, अतिवीर और सन्मति भी कहा जाता है। भगवान महावीर ने अपने कठोर तप से अपनी समस्त इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली थी। इसके बाद वह जितेन्द्रिय कहलाए।
6- भगवान महावीर अपने उपदेशों को जन जन तक पहुंचाना चाहते थे इसलिए उन्होंने अपने उपदेश अर्धमाग्धी भाषा में दिए हैं।
7- महावीर भगवान को ऋजुबालुका नदी के किनारे शाल वृक्ष के नीचे केवलज्ञान और केवलदर्शन की प्राप्ति हुई ।
8- भगवान महावीर हाथ में रखकर भोजन ग्रहण करते थे। वह साढ़े बारह वर्ष मौन रहे और कठिन तपस्या की।
9- भगवान महावीर ने श्रमण और श्रमणी, श्रावक और श्राविका, सबको लेकर चतुर्विध संघ की स्थापना की। उन्होंने जीवन में एक लक्ष्य होने की बात कही है जो समानता है।
10- जैन धर्म में 5 सिद्धांतों को अहम बताया है। जिसमें सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य है।