Baba Ramdev Vs Delhi Medical Association : बाबा रामदेवऔर मेडिकल एसोसिएशन के बीच एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर चल रहा थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और कहा कि रामदेव पतंजलि की कोरोनिल टैबलेट को लेकर झूठे और गलत बयानबाजी करने से रोकने की अपील की गई है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने इसके साथ ही कहा कि बाबा रामदेव ने जनता के बीच में विज्ञान और डॉक्टरों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है।
याचिका पर सुनवाईकरते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि की ‘कोरोनिल किट’ के कोरोना के उपचार के लिए कारगर होने की झूठी जानकारी देने से रोकने के लिए समन जारी कर दिया है। कोर्ट ने साथ ही दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन से कहा, “आपलोगों को कोर्ट का समय बर्बाद करने के बजाय महामारी का इलाज खोजने में समय लगाना चाहिए।”
बता दें कि इससे पहले दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने बाबार रामदेव के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। यह एफआईआर डीएमए ने 22 मई को दर्ज कराई थी। इससे पहले आइएमए की ओर से बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा गया था। इसके साथ ही 15 दिन के अंदर माफी मांगने की भी मांग की है।
योगगुरु स्वामी रामदेव के एलोपैथी पर दिए बयान से नाराज आइएमए उत्तराखंड ने को मानहानि का नोटिस भेजा है। 15 दिन के अंदर माफी न मांगने और बयान को इंटरनेट मीडिया से न हटाने पर बाबा के against एक हजार करोड़ की मानहानि की चेतावनी दी गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) उत्तराखंड के राज्य के सचिव डॉ. अजय खन्ना की ओर से 25 मई को बाबा रामदेव को पूरे 6 पेज का नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में उन्होंने कहा कि “विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर बाबा के बयान से आइएमए उत्तराखंड से जुड़े दो हजार सदस्यों की मानहानि हुई है।” उन्होंने आगे कहा है कि “एक सदस्य (डॉक्टर) की पचास लाख की मानहानि के मुताबिक पूरे एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा किया जाएगा।”