Mother's Day 2023: हर धर्म के मानने वालों के लिए के लिए मां का स्थान सबसे ऊंचा है। मां को भगवान के बराबर का दर्जा प्राप्त है। भगवान ने मां के स्थान को इतना पवित्र बताया है कि मां के पैरों के नीचे जन्नत रख दी। वैसे तो हर मां महान होती है जो अपनी संतान के लिए कोई भी त्याग देने से पीछे नहीं हटती लेकिन हिंदू धर्म में भी कुछ ऐसी माताएं हैं जिनके त्याग, बलिदान और वेदना को स्वयं परमेश्वर भी नमन करते हैं। तो आइए जानते हैं इन माताओं के बारे में-
माता सीता
श्रीराम जब रावण का वध करके अयोध्या लौटे तो श्रीराम ने माता सीता को त्याग दिया जिसके बाद माता सीता को ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में रहना पड़ा। उसी आश्रम में माता सीता ने अपने पुत्रों लव और कुश को जन्म दिया। अत्याधिक कष्ट सहकर दोनों पुत्रों की परवरिश की लेकिन अंत में माता सीता अपने दोनों पुत्रों को श्रीराम को सौंपकर धरती में समा गईं।
माता कौशल्या
श्री राम के पिता और अयोध्या के राजा दशरथ की तीन रानियां थीं। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। तीनों रानियों और राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ किया। भगवान श्री राम माता कौशल्या के पुत्र और सभी राजकुमारों में सबसे बड़े थे। माता कौशल्या को अपने प्रिय पुत्र का 14 वर्षों तक लंबा इंतज़ार करना पड़ा।
श्री कृष्ण की माता देवकी
देवकी कंस की बहन थी। कंस ने अपनी बहन की 6 नवजात संतानों को मौत के घाट उतार दिया था। जब श्री कृष्ण ने जन्म लिया तो देवकी और वसुदेव ने उन्हें माता यशोदा को सौंप दिया। इस तरह कृष्ण की माता देवकी ने अपनी संतानों की मृत्यू की पीड़ा सही श्री कृष्ण से लंबे समय तक दूर रहीं।
गांधारी
गंधारी कौरवों की माता थी उनके 100 पुत्र थे। महाभारत के युद्ध के दौरान उनके 100 पुत्रों की मृत्यु हो गई थी। उन्हें अपने पुत्रों की मृत्यु का दुख सहना पड़ा।
द्रौपदी
द्रौपदी का विवाह पांच पांडवों से हुआ था और उन्होंने पांच संतानों को जन्म दिया था। महाभारत युद्ध में अश्वथामा ने उनकी सभी संतानों को मार दिया था। द्रौपदी ने जीवन भर काफी कष्ट सहे थे लेकिन बाद में उन्हें अपने पुत्रों की मृत्यु की भी पीड़ा भी सहनी पड़ी थी।
सुभद्रा
सुभद्रा कुष्ण की बहन और अर्जुन की पत्नी थी। अभिमन्यु सुभद्रा के पुत्र थे। अभिमन्यु ने महाभारत युद्ध में कौरवों के बड़े-बड़े यौद्धाओं को धूल चटाई। और महाभारत के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी मृत्यु की पीड़ा सुभद्रा को सहनी पड़ी।