Navratri 2022 3rd Day: तीसरे नवरात्रि पर मां चंद्रघंटा की पूजा का है विशेष महत्व, पढ़िए यह कथा

Publish Date: 30 Sep, 2022
Jagran Tv Navratri 2022 3rd Day: तीसरे नवरात्रि पर मां चंद्रघंटा की पूजा का है विशेष महत्व, पढ़िए यह कथा

Navratri 2022 3rd Day, Maa Chandraghanta Vrat Katha In Hindi: देशभर में मां दुर्गा के पावन पर्व नवरात्रि को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। भक्त भक्ति और श्रद्धा भाव से अपने घर में मां की प्रतिमा को स्थापित कर अखंड ज्योत जलाए हुए मां की पूजा, अर्चना कर रहे है, तो देशभर के मंदिरों में माता के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है। शारदीय नवरात्र के शुभारंभ के साथ ही बाजारों में भी रौनक लौट आई है और यह रौनक नवरात्रि के इन 9 द‍िन तक देखने को मिलने वाली है। 

मां चंद्रघंटा की पूजा का है विशेष महत्व 

आपको बता दें कि इन 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा हुई, तो नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा। आज नवरात्रि का तीसरा दिन है और इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की कृपा से ऐश्वर्य और समृद्धि के साथ सुखी दाम्पत्य जीवन की प्राप्ति होती है।

मां चंद्रघंटा की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, दानवों का स्वामी महिषासुर ने इंद्रलोक और स्वर्गलोक में अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिए देवताओं पर आक्रमण कर दिया था। कई दिनों तक देवाओं और देत्यों के बीच युद्ध चला। युद्ध में खुद को पराजित होता देख सभी देवता त्रिमूर्ति यानी कि भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास पहुंचे। त्रिदेव देवताओं की बात को सुनकर त्रिदेव क्रोधित हो गए, जिसके बाद उनके मुख से एक ऊर्जा उत्पन्न हुई, जिसने मां चंद्रघंटा का रूप लिया। 

राक्षसों का संहार करने और देवताओं की परेशानी का हल निकालने के लिए शिव जी ने त्रिशूल, भगवान विष्णु ने चक्र, इंद्रदेव ने घंटा, सूर्य ने तलवार मां चंद्रघंटा को प्रदान किए। जिसके बाद ये सब चीजें मिलने के बाद उनका नाम चंद्रघंटा रखा गया। देवी चंद्रघंटा और महिषासुर के बीच बड़ा ही भयानक युद्ध हुआ और नवरात्रि के अंतिम दिन महिषासुर का वध कर माता ने विजय प्राप्त कर धर्म-संसार की रक्षा की। 

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