पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की कुछ अनसुनी बातें, जानिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति बनने तक की पूरी कहानी

Publish Date: 05 Feb, 2023
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की कुछ अनसुनी बातें, जानिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति बनने तक की पूरी कहानी

पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया है। जनरल परवेज़ मुशर्रफ 79 साल के थे। वह लंबे समय से बीमारी के कारण उनका दुबई के एक अस्पताल में देहांत हो गया है। आइए जानते है।पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ के बारें में कुछ अनसुनी बातें।

दिल्ली के दरियागंज में हुआ था जन्म

पाकिस्तान पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली के दरियागंज इलाके में 11 अगस्त 1943 को हुआ था। सन् 1947 को उनका पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया। भारत के विभाजन के बाद उनके परिवार ने कराची में अपनी ज़िंदगी की शुरुआत की। परवेज़ मुशर्रफ 2001 में भारत दौरे पर आए थे तब वह दरियागंज स्थित अपने पुराने मकान में गए थे जहां उनका जन्म हुआ। जब भारत पाकिस्तान का विभाजन हुआ और मुशर्रफ का परिवार भारत छोड़कर पाकिस्तान में जा बसा उस समस परवेज़ मुशर्रफ मात्र 4 साल के थे।

भारत-पाकिस्तान कारगिल युद्ध में शामिल थे मुशर्रफ

भारत-पाकिस्तान कारगिल यु़द्ध में परवेज़ मुशर्रफ शामिल थे। उस समय परवेज़ मुशर्रफ पाकिस्तान के सेना-प्रमुख के तौर पर कार्यरत थे। 1998 में परवेज़ मुशर्रफ को जनरल पद का औहदा दिया गया और उन्हें सैन्य प्रमुख बनाया गया। उन्होंने क्वेटा के आर्मी स्टाफ एंड कमांड कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। परवेज़ मुशर्रफ 1961 में पाकिस्तान सेना में शामिल हुए थे। 

नवाज़ शरीफ सरकार का तख्ता पलट किया

सन 1999 में परवेज़ मुशर्रफ ने उस समय के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलट किया और पाकिस्तान की सत्ता को अपने हाथ में ले लिया। इसके बाद वह 20 जून 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति के पद पर रहे। आपको बता दें कि 2002 के आम चुनावों में मुशर्रफ बहुमत से जीते थे।

परवेज़ मुशर्रफ पर चला देशद्रोह का मुकदमा, सुनाई गई सजा ए मौत

इस्लामाबाद की एक अदालत ने परवेज़ मुशर्रफ को फांसी की सज़ा सुनाई थी। यह पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार हुआ था कि पाकिस्तान के किसी पूर्व राष्ट्रपति को फांसी की सजा सुनाई गई हो। परवेज़ मुर्शरफ को ये सज़ा नवंबर 2007 आपातकाल लागू करने के कारण सुनाई गई थी उन्होंने आपातकाल लागू करने के बाद मार्शल लॉ लगा दिया था। उनपर राजद्रोह का मुकदमा चल रहा था।

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