Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत की और से हमेशा मुख्य अतिथि के तौर पर किसी न किसी देश के गणमान्य व्यक्ति को आमंत्रित किया जाता है इस बार भी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल सिसी को 26 जनवरी के समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये परंपरा कब से शुरू हुई?
हमारे देश को 15 अगस्त 1947 में आज़ादी मिली और भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को देश को समर्पित किया गया, लेकिन इसे लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया। गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि को आमंत्रित करने की प्रथा सन 1950 से ही चली आ रही है| सर्वप्रथम मुख्य अतिथि के तौर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो को आमंत्रित किया गया था और वह भारत के ऐतिहासिक दिन के साक्षी बने थे।
उसके बाद भार हर बार 26 जनवरी के अवसर पर किसी न किसी अतिथि को आमंत्रित करता ही है। पिछले 2 साल के कोरोना के कारण कोई विदेशी गणमान्य व्यक्ति भारत नहीं आ पाया लेकिन इस बार मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल सिसी को आमंत्रित किया गया गया है।
राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि है। 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिलने मात्र तीन दिन के बाद ही भारत और इजिप्ट के औपचारिक संबंध स्थापित हुए थे। साल 2022 के स्वतंत्रता दिवस पर भारत और इजिप्ट के औपचारिक संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं। इसलिए गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्र देश के राष्ट्रपति को भारत बुलाया गया है इससे दोनों देशों के संबंध को और मजबूती मिलेगी । अल-सिसी इस अवसर की शोभा बढ़ाने वाले पहले मिस्र के नेता होंगे ।