UP Politics: पिछले कई दिनों से शिवपाल और सपा की बढ़ती दूरी को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं, जिनमे शिवपाल का बीजेपी में जाने और शिवपाल यादव का सियासी भविष्य जैसे सवाल शामिल रहे है। जिसके जवाब पर से अब तक सस्पेंस नहीं हटा है।
वहीं, इस बीच शिवपाल यादव ने बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों के करीब दो महीने बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपनी पार्टी और संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। पिछले दिनों प्रवक्ता बनाने के बाद अब उन्होंने फ्रंटल संगठनों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने नौ फ्रंटल संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा कर दी।
प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने एक दिन पहले कहा था, "हम वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं, जल्द नए प्रकोष्ठ और संगठन के पदाधिकारियों का ऐलान करेंगे"। जिसके बाद अपनी इस रणनीति पर आगे बढ़ते हुए उन्होंने पहले चरण में ही नौ फ्रंटल संगठन के अध्यक्षों की घोषणा की है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से सपा चीफ अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच मतभेद देखने को मिले है। जिसका कारण अखिलेश यादव का शिवपाल यादव को नजरअंदाज करना माना जाता रहा है। जिस वजह से शिवपाल यादव ने नाराज होकर शिवपाल यादव ने वर्ष 2018 में नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन किया था। हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में उन्होंने अखिलेश यादव के साथ आने का ऐलान कर दिया। शिवपाल यादव सपा के टिकट पर जसवंतनगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़े थे। चुनाव के बाद दोनों के रिश्तों के बीच दरार आ गई। दोनों लगातार एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी भी करते नजर आए।