जब मुसीबत आती है तो चारों तरफ से आती है ये बात तो आपने सुनी ही होगी। यही हो रहा है उत्तराखंड के उत्तरकाशी में जहां से आपदा हटने का नाम नहीं ले रही है। वहां के लोगों को भू धंसाव के बाद अब भूकंप का सामना करना पड़ रहा है। वहां पर रात को 2ः12 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि झटका तीव्र नहीं था लेकिन ये डर बना हुआ है कि कहीं जोशीमठ की धंसती जमीन को यह झटके कहीं और अधिक नुकसान न पहुंचा दें। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 2.9 मापी गई। भूकंप का केंद्र 240 किमी दूर था।
आपको 12 जनवरी को दो होटलों को गिराने का काम शुरू किया गया था लेकिन बारिश के चलते काम बीच में ही रोकना पड़ा था। वहीं इसके पहले स्थानीय लोगों के विरोध के चलते ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रोकनी पड़ गई थी। आपको बता दें कि खराब मौसम के कारण एसडीआरएफ की टीम ने जोशीमठ स्थित मलारी इन होटल को तोड़ने का काम रोक दिया। हालांकि होटल तोड़ने का काम दोबारा से शुरु किया जाएगा।
जोशीमठ की जमीन पहले से ही धंस रही है। अब भूकंप के झटकों से स्थानीय लोग डरे हुए हैं। भूकंप के झटके लगने के बाद ये डर बना हुआ है कि कही पहले से ही कमजोर घरों को और अधिक नुकसान न पहुंच जाए। भूधंसाव के चलते 760 घर ऐसे चिह्नित किए गए हैं जिनमें आंशिक या गंभीर दरार आ गई है। इनमें कई भवन गंभीर स्थिति में है जिसके चलते उन्हें तोड़ा जाना है।
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