Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड में 14 फरबरी को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले दल - बदल की राजनीति शुरू हो गई है।
ऐसे में उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत को बर्खास्त कर सबको हैरत में डाल दिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंत्रिमंडल से बाहर करने के बाद बीजेपी (BJP) ने भी 6 साल के लिए उनकी पार्टी सदस्यता खत्म कर दी है।
राजनीतिक सफर :
2017 विधानसभा चुनाव में हरक सिंह रावत कोटद्वार से विधायक हैं। इससे पहले वह 2012 में कांग्रेस से रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट पर विधायक रहे चुके है। हरक सिंह रावत 1991 में पौड़ी से विधानसभा चुनाव जीता और यूपी राज्य के सबसे कम उम्र के मंत्री बने।
रोने लगे हरक सिंह रावत(Harak Singh Rawat) :
ऐसे में बर्खास्तगी के बाद मीडिया के सामने अपना दुख बयाँ करते हुए हरक सिंह रावत रोने लगे। उन्होंने कहा कि उन्हे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, वो कई बार मंत्री रहे हैं।
बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं इतने दिनों से घुटन में जी रहा था। अब उत्तराखंड के लोगों के लिए खुलकर काम करूंगा।' मैं सिर्फ काम करना चाहता हूँ।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि वह कांग्रेस के लिए काम करेंगे फिर चाहें वे पार्टी में शामिल हो या नहीं।
सीट बटवारे पर नही बनी बात:
हरक सिंह रावत पर विधानसभा चुनावों में तीन सीटों पर अपने परिवार के लिए टिकट मांगने का आरोप है।ऐसे में पार्टी और उनके बीच सहमति न बनने की बजह से पार्टी ने यह कदम उठाया है। इस पर हरक सिंह अन्य नेताओं के परिवार वालों को टिकट देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर हमला करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे को टिकट देने पर पार्टी पर भेदभाव का आरोप लगाया।
क्या कांग्रेस में होंगे शामिल ?
हालांकि 6 साल पहले 2016 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए वरिष्ठ मंत्री हरक सिंह रावत भाजपा से अब कांग्रेस में शामिल होने की वकालत कर रहे हैं।