CM Yogi Adityanath Birthday 2022: उत्तर प्रदेश में इस साल हुए विधानसभा चुनावों में बहुत बड़े अंतर से जीत दर्ज करते हुए योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार प्रदेश के सीएम पद की शपथ ली और इसके साथ ही उन्होंने एक बड़ा इतिहास भी रच दिया। वहीं, दूसरी ओर सीएम योगी आदित्यनाथ आज यानी 5 जून 2022 को अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। ऐसे में सीएम के इस जन्मदिन पर आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं, जिन्हें जानकर आप भी अचंभित रह जाएंगे।
22 साल की उम्र में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान 1993 में वह गुरू गोरखनाथ पर रिसर्च करने के लिए गोरखपुर आए थे। इस दौरान अजय सिंह ने 1992 में राम मंदिर आंदोलन की तैयारियों को लेकर एबीवीपी की सभा में भाग लिया। इस सभा में महंत अवैद्यनाथ भी आए हुए थे, उनकी नजर अजय सिंह/आदित्यनाथ को देखते ही उनके भविष्य को भांप लिया।
अजय सिंह महंत अवैद्यनाथ इतने ज्यादा प्रभावित हुए कि उन्होंने सानिध्य में जीवन गुजारने का मन बना लिया सभा के बाद घर तो लौटे लेकिन कुछ दिनों बाद ही वो वापस आ गए। 1994 में आदित्यानाथ सांसारिक मोहमाया त्यागकर पूर्ण रूप से संन्यासी बन गए, जिसके बाद नाम अजय सिंह बिष्ट से बदलकर “योगी आदित्यानाथ” हो गया।
गढ़वाल के विश्वविद्यालय से गणित से योगी ने बीएससी की फिर साल 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान ही गोरखपुर पहुंच गए। फिर 15 फरवरी साल 1994 को गोरखनाथ के मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली और घर को छोड़ दिया फिर वो योगी बन गए।
सन् 1998 में महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी बना दिया था। इसके अलावा भी उन्होंने योगी आदित्यनाथ को लोकसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया था। जिसके बाद चुनाव हुआ और वो उसमें महज 26 साल की ही उम्र में जीत हासिल कर के संसद भवन पहुंच गए। जीत दर्ज करने के बाद उन्हें सबसे कम उम्र में सांसद बनने का गौरव प्राप्त हुआ था।
आज हम यूपी के सीएम को योगी आदित्यनाथ के नाम से जानते हैं, लेकिन पहले उनका नाम अजय सिंह बिष्ट था, नाथ सम्प्रदाय की तरफ से दीक्षा लेने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल कर योगी आदित्यनाथ कर लिया था। बता दें कि योगी का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी जिला स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के राजपूत परिवार में हुआ था। योगी के पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है। योगी के पूरे सात-भाई बहन हैं। उन्होंने टिहरी में गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई की थी। स्कूल और कॉलेज सर्टिफिकेट में उनका नाम अजय सिंह बिष्ट ही है। टिहरी के गजा स्कूल से योगी आदित्यनाथ ने दसवीं की परीक्षा और ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी।
अजय सिंह के पिता चाहते कि बेटा पढ़कर कोई अच्छी नौकरी हासिल करें और घर चलाने में उनकी मदद करें, लेकिन ऐसे हुआ नहीं। अजय सिंह जनांदोलनों में शामिल लगे और उन्होंने राम मंदिर आंदोलन भी हिस्सा लिया। राम मंदिर आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने के चहते अजय सिंह काफी युवाओं में काफी में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए।
साल 1994 में आदित्यानाथ सांसारिक मोहमाया त्यागकर पूर्ण रूप से संन्यासी बन गए। गुरु अवैद्यनाथ से अजय सिंह बिस्ट से योगी आदित्यनाथ बन गए। इसके बाद योगी आदित्यनाथ आश्रम में ही रहने लगे थे। जब योगी 6 महीने तक तक अपने घर नहीं लौटे तो उनके पिता पूछताछ करते हुए महंत अवैद्यनाथ के आश्रम पहुंचे जहां वो अपने बेटे को योगी भेष धारण किए देखकर चकित रह गए। उन्होंने घर चलने के लिए कहा लेकिन योगी बन चुके अजय सिहं ने मना कर दिया।
योगी आदित्यनाथ 1998 में पहली बार गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। योगी आदित्यनाथ 5 बार गोरखपुर लोकसभा से सांसद रह चुके हैं। उस समय उनकी उम्र मात्र 26 साल थी। उस समय लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने 1,42,309 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। पिछले करीब 29 साल से गोरखपुर सीट से गोरक्षपीठ का दबदबा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने सन् 1998, 99, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में लगातार 5वीं जीत हासिल की थी। साल 2017 के यूपी के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत मिली थी। जीत के बाद योगी को मुख्यमंत्री चुना गया था। 19 मार्च 2017 को यूपी के सीएम पद की शपथ ली।
योगी आदित्यानाथ ने 2002 में अपना हिन्दू संगठन का गठन किया था। इस संगठन का नाम “हिन्दू युवा वाहिनी” रखा गया। इस संगठन पर कई बार गंभीर आरोप भी लग चुके हैं। पुलिस ने सन 2005 में हुए दंगों का आरोप इस संगठन पर लगाया था। उस समय यह हिन्दू संगठन मुख़्तार अंसारी नाम के एक विधायक के एक विधायक कृष्णानंदा राय की हत्या का आरोप लगा था। इसके साथ ही इस संगठन पर 2007 में गोरखपुर दंगे का भी लगा था। बता दें कि यह हिन्दू युवा वाहिनी का प्रभुत्व, गोरखपुर, मऊ, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, संत कबीरनगर और सिद्धार्थनगर जिलों में सबसे अधिक है।
योगी आदित्यानाथ सीएम कैसे बने। इस किस्से को उन्होंने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताया है। योगी ने कहा कि, “मैंने कभी उम्मीद नहीं थी कि मैं यूपी का सीएम बनूंगा, और ना ही किसी दौड़ में मैं शामिल था। रिजल्ट के एक दिन पहले मुझे विदेश जाना था। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा जी का कॉल आता है कि आपको एक डेलीगेशन के साथ विदेश जाना है वहां आपकी बड़ी डिमांड है। तब मैंने कहा कि मैं विदेश दौरे पर बहुत जाता नहीं हूं, तो उन्होंने कहा कि पोर्ट ऑफ लुइस में पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।”
योगी बीबीसी इंटरव्यू में आगे बताते हैं कि, “11 मार्च को नतीजे आने थे तो 10 मार्च को मुझे सूचना मिली की पीएमओ ने मेरी पासपोर्ट वापस ले लिया है। इसके बाद अगले दिन मैंने गोरखपुर की टिकट बुक की और वापस आ गया.. 17 मार्च को उनका (पीएम) का फोन आता है कि कहां हैं? मैंने कहा मैं तो गोरखपुर हूं, तो उन्होंने कहा कि कैसे तुरंत आ सकते हैं, मैंने कहा अभी तो आ नहीं सकता हूं क्योंकि 6 बज चुके हैं। उन्होंने कहा कि सुबह आपके लिए चार्टर प्लेन भेज रहा हूं, अगले दिन मैं उससे दिल्ली चला गया। जैसे ही गया तो उन्होंने कहा तो उन्होंने कहा कि आप सीधे लखनऊ चले जाइए आपको शपथ लेनी है, मैंने कहा कि काहे की तो उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सीएम की।”
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