Budget 2021 India: बजट 2021 का बिगुल बज चुका है। 1 फरवरी को देश का बजट पेश किया जाएगा। इस बार का बजट आम नहीं होने वाला है। ये इसलिए खास होगा क्योंकि कोरोना महामारी के बाद देश को फिर से आर्थिक रफ्तार देने के लिए कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। ऐसे में सबकी निगाहें इस बजट पर टिकी हुई हैं। जहां आम आदमी टैक्स राहत की आशा में है तो वहीं सरकार के वित्तीय संसाधनों पर बहुत ज्यादा दबाव है। देश का राजकोषीय घाटा रिकॉर्ड ऊंचाई पहुंच चुका है। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले ही साफ कर दिया है कि इस बार बजट बिना किसी दस्तावेज के होगा। यानि की इस बार का बजट पूरी तरह पेपरलेस होने वाला है। भारत के इतिहास में ये पहली बार है जब बजट पूरी तरह पेपरलेस होगा। ये फैसला कोरोना महामारी को देखते हुए लिया गया है।
कोरोना महामारी के दौरान लोगों की सैलरी में कटौती की गई है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में इनकम टैक्स पर छूट मिल सकती है।
नेशनल पेंशन सिस्टम अकाउंट बंद करने पर निकासी के दौरान 60 फीसद राशि पर ही टैक्स से छूट मिलती है। बाकी राशि से एनपीएस सब्सक्राइबर को एन्यूटी खरीदनी होती है। वहीं जब एन्यूटी व्यक्ति को मिलती है तो वह टैक्सेबल हो जाती है। ऐसे में लोगों की मांग है कि एनपीएस के दौरान पूरी राशि टैक्स फ्री हो।
बजट में एक बड़ा ऐलान ये भी हो सकता है कि इस बार मल्टीनेसनल कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स में राहत दी जाए। मल्टीनेसनल कंपनियों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान उनके रेवेन्यू और इनकम बेहद बुरा प्रभाव पड़ा है।
आत्मनिर्भर भारत बनने के तहत इस बजट में ELECTRONIC HARDWARE सेक्टर को बूस्टर डोज मिल सकता है। Media Reports के अनुसार, LAPTOP, TABLET, SMARTWATCH DEVICE की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग के लिए इस बजट में 10 हजार करोड़ रुपए की अलग स्कीम आ सकती है।
लैपटॉप, टैबलेट बनाने वाली कंपनियों को इंसेंटिव मिल सकता है। इससे पहले सरकार 50,000 रुपए की लागत से 3 स्कीम की शुरुआत भी कर चुकी है।
Media Reports के अनुसार, नए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर बनाने का एलान हो सकता है। नए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर 2030 के तहत मालढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे ने इस बार वित्तमंत्रालय से ज्यादा बजटीय सहायता मांगी है। कोरोना महामारी के कारण रेलवे के Income पर प्रभाव पड़ा है। रेल मंत्रालय ने 15-20 फीसदी ज्यादा मदद का प्रस्ताव वित्तमंत्रालय को दिया है।
इस बजट में ऐलान हो सकता है कि सराकारी बैंकों की संख्या कम कर दी जाए। साथ ही केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर के बैंकों को मर्ज करने की घोषणा भी कर सकती है। पहले देश में कुल 27 सरकारी बैंक थे। जिसे कम करके 12 किया गया था। अब उम्मीद है कि इन 12 बैंकों को मर्ज करके सिर्फ 4 बैंक कर दिया जाए।
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