Delhi Violence : गणतंत्र दिवस के दौरान देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा और उपद्रव को लेकर अब दिल्ली पुलिस ऐक्शन में नजर आ रही है। दिल्ली पुलिस ने 20 किसानों नेताओं को नोटिस जारी किया है। इसमें योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस राजेवाल समेत 20 किसान नेताओं का नाम शामिल है। इन सभी किसान नेताओं से 3 दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है। ट्रैक्टर रैली के लिए तय समझौते को तोड़ने के दिल्ली पुलिस ने ये नोटिस जारी किया है। गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद दिल्ली-एनसीआर में कड़ी सुरक्षा है। लाल किला के आसपास सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
वहीं करीब 200 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन सभी लोगों के खिलाफ दंगा फैलाने, IPC की धारा 395 के तहत डकैती के मामले में, 397 के तहत चोरी, डकैती के साथ मारने की साज़िश, समेत कई संगीन धाराएं लगाई गई हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इस हिंसा में लगभग 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं इस घटना पर योगेंद्र यादव का कहना है कि, मंगलवार को लालकिले पर तिरंगे का अपमान हुआ है। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना ने देश के हर नागरिक को शर्मसार किया है। जो लोग तिरंगे के अपमान के दोषी हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन ने बुधवार को अपना धरना वापस ले लिया है। नोएडा में अभी तक कोई भी धरना इतने लंबे समय तक नहीं चला है। धरना खत्म होते ही अब यातायात शुरू हो गया है। किसान पिछले 58 दिनों से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे थे। भारतीय किसान यूनियन ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना और राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस ले लिया है। भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि, “किसानों के लिए लड़ाई जारी रहेगी, लेकिन जिन्होंने हमारे जवानों के ऊपर वार किया या लाल किला पर एक धर्म का झंडा फहराया ऐसे उपद्रवियों के साथ नहीं है।” इस खबर के बारे में और अधिक जानने के लिए देखिए ये Video