Farmers Protest Ghazipur Border : पूर्वी दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन का केंद बने Ghazipur Border पर बुधवार देर रात को अचानक काट दी गई। इस पूरे इलाके में पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई। देर रात गाजियाबाद के बड़े पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी पहुंचे थे। हालांकि, अब वे वहां से लौट चुके है। लेकिन पुलिस की तैनाती अभी भी जारी है। किसानों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस और सरकार किसान आंदोलन को अस्थिर करना चाहती है। बिजली काटे जाने के बाद किसान नारेबाजी भी करते नजर आये और पूरी रात किसानों में खौफ देखने को मिला।
किसान नेताओं में आशंका रही कि दिल्ली पुलिस रात में इनके खिलाफ कार्रवाही कर सकती है। इसलिए किसान यहां रातभर पहरा देते रहे। वहीं दूसरी ओर चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन ने बुधवार को अपना धरना वापस ले लिया है। नोएडा में अभी तक कोई भी धरना इतने लंबे समय तक नहीं चला है। धरना खत्म होते ही अब यातायात शुरू हो गया है। किसान पिछले 58 दिनों से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे थे। भारतीय किसान यूनियन ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना और राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस ले लिया है। भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि, “किसानों के लिए लड़ाई जारी रहेगी, लेकिन जिन्होंने हमारे जवानों के ऊपर वार किया या लाल किला पर एक धर्म का झंडा फहराया ऐसे उपद्रवियों के साथ नहीं है।”
आपको बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा और उपद्रव को लेकर दिल्ली पुलिस ने 20 किसानों नेताओं को नोटिस जारी किया है। इसमें योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस राजेवाल समेत 20 किसान नेताओं का नाम शामिल है। इन सभी किसान नेताओं से 3 दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है। ट्रैक्टर रैली के लिए तय समझौते को तोड़ने के दिल्ली पुलिस ने ये नोटिस जारी किया है। गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद दिल्ली-एनसीआर में कड़ी सुरक्षा है। लाल किला के आसपास सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इस खबर के बारे में और अधिक जानने के लिए देखिए ये Video…