Farmers Protest: नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन को आज 56 दिन हो गए है। कड़ाके की इस ठंड में किसानों ने ने साफ कर दिया है कि जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाता वो दिल्ली की सीमा से हटने वाले नहीं है। मोदी सरकार और किसानों के बीच आज 10वें दौर की बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई। बताया जा रह है कि बैठक में सरकार ने कानून पर एक साल तक के लिए निलंबन का प्रस्ताव दिया था जिसे किसान संगठनों ने नामंजूर कर दिया। इसके साथ ही सरकार की तरफ से नई कमेटी के गठन का प्रस्ताव भी किसानों ने ठुकरा दिया है। सरकार ने आंदोलन खत्म करने की अपील की।
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, 'गतिरोध है बरकरार, लगता नहीं आज भी मानेगी सरकार', 26 जनवरी को होने वाली ट्रेक्टर रैली पर दिल्ली पुलिस ने किसानों के साथ मीटिंग की है। इस मीटिंग में दिल्ली पुलिस किसानों समझाने की कोशिश में लगी हुई है। वहीं गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर मार्च निकालने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने इस ट्रैक्टर रैली निकालने पर रोक की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज ये साफ कर दिया है कि वो इस मामले में कोई दखल नहीं देगा। कोर्ट ने इस याचिका को वापस लेने के लिए भी कहा।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिकाओं को वापस ले लिया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हमने आपको बताया है कि हम इसमें कोई निर्देश जारी नहीं करेंगे। यह पुलिस का मामला है। हम आपको अपनी याचिका वापिस लेने की अनुमति देते हैं। आपको इससे निपटना होगा। आपके पास आदेश पारित करने की शक्तियां हैं। आदेश पारित करना अदालत के लिए नहीं है।” वहीं कमेटी के दोबारा गठन को लेकर महापंचायत द्वारा दायर याचिका पर कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। पहले बनाई गई कमेटी के चार सदस्यों में से एक ने खुद को अलग कर लिया है। इस मामले पर सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे, जस्टिए एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रहमण्यम कर रहे हैं। इस खबर के बारे में और अधिक जानने के लिए देखिए ये Video…