Farmers Protest: नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसान पिछले 83 दिनों से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर सिंघु, टिकरी और गाजीपुर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार कानूनों को वापस नहीं लेती है किसान दिल्ली की सीमा खाली नहीं करने वाले हैं। लेकिन अब कई किसान अपने घर वापस जा रहे हैं।
किसानों से जब पूछा गया कि उनका प्रदर्शन अब कमज़ोर पड़ रहा है, तो इसपर किसानों ने कहा है कि ये आंदोलन लंबा चलने वाला है। बॉर्डर से किसानों की संख्या को कम करना, उनकी नई रणनीति है, जो कि आंदोलन को और भी विस्तारपूर्वक करने के लिए बनाई गई है।
अब उनका फोकस आंदोलन के लिए समर्थन हासिल करना है। राज्यों में बड़े पैमाने पर रैलियां करना है। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने पूरे देश में महापंचायत करने का प्लान बनाया था। वह आने वाले कुछ दिनों में हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान में ऐसी कई किसान बैठकों में शामिल होने वाले हैं।
प्रदर्शनकारियों में से एक राकेश नाम के किसान ने बताया कि, 'अगर यहां 10 लाख लोग इकट्ठा हो जाएंगे तो क्या होगा? क्या सरकार ये कानून वापस ले लेंगी? हम पूरे देश में प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी जिलों में हमारे लोग फैल रहे हैं। बैठकें हो रही हैं।'
रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित एक्टिविस्ट संदीप पांडे का कहना है कि, 'पंजाब, हरियाणा और अन्य स्थानों पर छोटे आंदोलन हुए हैं। अब वे धीरे-धीरे और बढ़ रहे हैं। बिहार में रैलियां हो रही हैं, पूर्वी उत्तर प्रदेश, अवध के किसान ट्रैक्टरों पर नहीं आ सकते, इसलिए हम लोग वहीं पर रैलियां करने की योजना बना रहे हैं।'