Farmers Protest Singhu Border: किसान आंदोलन का आज 47वां दिन है। केंद्र सरकार और किसानों के बीच ये मसला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। सरकार और किसानों के बीच 8वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। अब दोनों के बीच 15 जनवरी को वार्ता होगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बोला था, "किसान यूनियन और सरकार ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक का निर्णय लिया है। मुझे आशा है कि तब कोई समाधान निकलेगा।" इसी कड़ी में किसानों ने कहा है कि वे 26 जनवरी को विशाल ट्रैक्टर मार्च निकालकर सरकार के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करने वाले हैं।
बता देंकि कृषि कानूनों और प्रदर्शनकारी किसानों पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने वाली है। जिन याचिकाओं पर सुनवाई होगी उसमें से कुछ कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली हैं। इसी बीच यहां सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने बॉर्डर पर लोहड़ी पर्व की तैयारियां शुरू कर दी हैं। 07 जनवरी को लगभग 40 किसान संगठन दिल्ली के आसपास के इलाकों में एक बड़ी ट्रैक्टर रैली निकाली। वैसे तो 26 जनवरी को किसानों ने इससे भी बड़ा मार्च निकालने को कहा है। किसान आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ट्रैक्टर मार्च किया। उन्होंने अपना रूट तय कर लिया है, जिसकी वजह से कई रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्जन किया गया था। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। बेंच के अध्यक्ष चीफ जस्टिस ने कहा, "क्या दिल्ली की सीमा पर जमा किसानों को कोरोना से कोई विशेष सुरक्षा हासिल है?" केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है।" चीफ जस्टिस ने कहा, "हमें नहीं लगता कि आंदोलन कर रहे लोग कोरोना को लेकर कोई विशेष सावधानी बरत रहे हैं। समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए। इस तरह से बड़े पैमाने पर लोगों का जमा होना वैसी ही स्थिति को जन्म दे सकता है, जैसा तबलीगी मरकज में हुआ था। केंद्र सरकार को लोगों के जमा होने के मसले पर दिशा निर्देश जारी खास दिशानिर्देश जारी करना चाहिए।"