GNCTD BILL : राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 बुधवार को राज्य सभा में विपक्ष के भारी विरोध के बीच पास हो गया। यह विधेयक लोकसभा से पहले ही पारित हो चुका है। राज्यसभा में इस बिल पर मतदान हुआ। मत विभाजन में 45 के मुकाबले 83 मतों से विधेयक पारित हो गया। इस बिल में दिल्ली के उपराज्यपाल की कुछ भूमिकाओं और अधिकारों को परिभाषित किया गया है। एक ओर आम आदमी पार्टी सरकार ने इसे 'लोकतंत्र का काला दिन' करार दिया तो वहीं बीजेपी इसे कानून में जरूरी बदलाव बताया। लेकिन इस बिल में ऐसा क्या है जो आम आदमी पार्टी समेत पूरा विपक्ष इस बिल का विरोध कर रहा है और इसे संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बता रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 में दिल्ली के उपराज्यपाल के कुछ अधिकारों को बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। इस विधेयक में उपराज्यपाल को संविधान के अनुच्छेद 239क के खंड 4 के अधीन सौंपी गई शक्ति का उपयोग करने का अवसर दिया जा सकेगा। इस विधेयक से उपराज्यपाल को पहले के मुकाबले कई बड़ी शक्तियां वाली हैं। इस विधेयक में स्पष्ट लिखा गया है कि दिल्ली में ‘सरकार’ का अर्थ एलजी से होगा न कि दिल्ली विधानसभा या सीएम से। विधानसभा से पारित सभी कानून पर अब एलजी की सहमति जरूरी होगी।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार को तानाशाह बताया है। साख ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार दिल्ली में पीछे के रास्ते से सत्ता पर दखल की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि “केंद्र सरकार संसद में दिल्ली के संबंध में असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बिल लेकर आई है। केंद्र सरकार GNCTD एक्ट में बदलाव करने के लिए एक संशोधन बिल लेकर आई है। इस बिल में लिखा है कि इसके आने के बाद दिल्ली सरकार का मतलब होगा उप राज्यपाल। दिल्ली में चुनी हुई सरकार का मतलब अब कुछ नहीं होगा। ये बहुत खतरनाक संशोधन है। इसमें लिखा है कि चुनी हुई सरकार जो फैसले लेगी उसकी फाइल अब उप राज्यपाल के पास भेजनी होगी।” इस खबर के बारे में और अधिक जानने के लिए देखिए ये video…