Hyperventilation: एक व्यक्ति सामान्य तौर पर एक मिनट में औसतन 12 से 20 बार सांस लेता है। कभी कभी ऐसा होता है कि सीढ़ियां चढ़ने के बाद या ज़्यादा काम करने के बाद आप हांफने(Heavy breathing) लगते हैं। जब आप एक मिजब एक व्यक्ति तेज़ी से सांस लेता है तो हाइपरवेन्टिलेशन (Hyperventilation) उसे भी कहा जाता है नट में सामान्य से अधिक सांस लेते हैं, तब हांफने की समस्या होती है। अधिक सांस लेना भी इसे कहते हैं।
हाइपरवेन्टिलेशन (Hyperventilation) फेफड़े की आम बीमारी है जिसमे सांस लेके में परेशानी होती है। सीओपीडी को कहते हैं। जो अस्थमा से कहीं ज्यादा गंभीर बीमारी है। फेफड़ों से जुड़ाक्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ एक ऐसा रोग है, जिसमें मरीज़ को सांस लेने में काफी दिक्कत आती है। ऑक्सीजन उनके शरीर में पूरी तरह नहीं पहुंच पाती।
जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो साँस लेने के तरीके में भी बदलाव आता है। ऐसा नहीं है कि हमारे शरीर में पानी सिर्फ नमी बनाए रखने का काम करता है। बल्कि ब्रीदिंग और डायजेशन भी पानी की मदद से ही संभव हो पाता है।
अगर कोई जल्दी-जल्दी सांस लेता है तो यह अस्थमा अटैक का लक्षण होता है। अस्थमा सांस से जुड़ी बीमारी है। अस्थमा में मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। श्वसन नाली में अस्थमा में सूजन आ जाती है। इससे अक्सर बच्चों में सांस फूलने की समस्या होती है। अस्थमा से फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव महसूस होता है। सांस लेने पर दम फूलने लगता है, खांसी भी शुरू हो जाती है। सीने में जकड़न के साथ-साथ घर्र-घर्र की आवाज आती है। आपको बता दें अस्थमा किसी भी उम्र में हो सकता है ।
पैनिक अटैक में डर और चिंता के प्रति शारीरिक प्रतिक्रिया की समस्या होती है। पैनिक अटैक के घबराहट, बेचैनी और थोडी देर के लिए शरीर और दिमाग का संतुलन खोना ऐसे लक्षण हैं, जिन्हें समय पर पहचान कर उनका उपचार जरूरी है। ये आमतौर पर चिंता विकार का लक्षण होता है जो डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं से ठीक किया जा सकता है।
रोज़ एक्सरसाइज करने से हाइपरवेन्टिलेशन (Hyperventilation) को रोका जा सकता है। हमारे शरीर को एक्सरसाइज के दौरान अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है । रोज़ एक्सरसाइज करने से हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation) का बचाव हो सकता है।