IAS Toppers Success Story: बिहार के मधुबनी जिले के किसान मनोज ठाकुर के लिए किसी सपने के सच होने से कम नहीं था जब उनके बेटे मुकुंद कुमार ने UPSC सिविल सेवा 2019 की परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में 54वीं रैंक हासिल की। मुकुंद ने बिना किसी कोचिंग की मदद के यह सफलता हासिल की है। उनके पिता के अनुसार, मुकुंद पढ़ाई में एक एवरेज छात्र थे, लेकिन उन्होंने हर शैक्षणिक परीक्षा में फर्स्ट डिवीज़न हासिल की। इस वीडियो में जानते हैं इनकी IAS बनने के सफर के बारे में।
मुकुंद बताते हैं कि जब वे प्राथमिक स्कूल में पढ़ रहे थे तभी उन्हें आईएएस के बारे में जानकारी मिली। इस बारे में पिता से उन्होंने काफी कुछ जानने समझने की कोशिश की। बढ़ती उम्र के साथ मुकुंद के मन में प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा प्रबल होती चली गई। मुकुंद ने बिहार में ही आवासीय सरस्वती विद्या मंदिर से पांचवीं तक पढ़ाई की। इसके बाद सैनिक स्कूल गोलपाड़ा आसाम से 12वीं तक पढ़ाई की। फिर डीयू से इंग्लिश होंर्स में ग्रेजुएशन किया। आपको बता दें की मुकुंद के पिता ज़ूलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। परन्तु सरकारी नौकरी ना मिलने के कारण उन्होंने खेती करने का फैसला किया था।
मुकुंद बताते हैं कि ग्रेजुएशन के बाद उनकी एज कंपलीट नहीं थी, इसलिए 2018 का पूरा साल उन्होंने परीक्षा की तैयारी में निकाला। फिर पहली बार 2019 में प्रीलिम्स दिया। उन्होंने ये पूरी तैयारी बिना कोचिंग लिए की। कोचिंग के बारे में वह कहते हैं कि मैं अपने पिता से UPSC की कोचिंग के लिए 2-3 लाख रूपए माँगता तो वह मना नहीं करते परन्तु इससे घर की आर्थिक स्थिति पर ज़रूर प्रभाव पड़ता। इसीलिए मैंने कोचिंग ना लेने का फैसला किया और खुद से ही तैयारी की।
मुकुंद अपनी तैयारी की स्ट्रेटेजी शेयर करते हुए बताते हैं कि वह तैयारी के लिए टाइम टेबल को स्ट्रिक्ट होकर फॉलो करते थे। इसके लिए पहले वह जिस तरह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते थे वह सब बंद कर दिया और अपने फेसबुक, ट्विटर अकाउंट को डीएक्टिवेट कर दिया। उन्होंने दोस्तों, फेमिली फंक्शन, शादी समारोह में जाना भी छोड़ दिया था इसके बाद मुकुंद ने प्रॉपर स्ट्रेटजी और बुक लिस्ट बनाई और रोज 12 से 14 घंटे पढ़ाई करके UPSC परीक्षा पास की।
मुकुंद ने बताया कि यूपीएससी इंटरव्यू में ये नहीं पूछा जाता कि आपके शर्ट में कितने बटन हैं या कितनी सीढ़ियां आप चढ़कर आए। बल्कि UPSC में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जिससे ये पता चल सके कि आप अपने देश को कितना जानते हैं। इसीलिए ऑनलाइन दिए गए हर आर्टिकल से भ्रमित ना हों और UPSC द्वारा दिए गए सिलेबस के हिसाब से ही तैयारी करें।
22 वर्षीय मुकुंद कुमार झा ने सीमित संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद भी इतनी काम आयु में पहले ही प्रयास में बिना किसी कोचिंग की गाइडेंस के IAS बनने का लक्ष्य हासिल कर यह सच कर दिखाया की मेहनत और लगन हमेशा ही रंग लाती है। ज़रूरी है सही स्ट्रेटेजी बनाना और अपने लक्ष्य के प्रति निरंतर प्रयास करते रहना।
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