पूर्वी लद्दाख इलाके को लेकर भारत और चीन के बीच शनिवार को एक और दौर की वार्ता हुई। पिछले 9 महीने से जारी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देश एक-एक कदम आगे बढ़ा रहा है। इस वार्ता में चर्चा का मुख्य बिंदु बिंदु पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे इलाकों में सैन्य वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रहा। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, चीन के Moldo में भारत-चीन में कॉर्प्स कमांडर लेवल की 10वें दौर की बातचीत सुबह 10 बजे से रात 2 बजे तक यानि 16 घंटे की लंबी बातचीत हुई। सेना के सूत्रों के मुताबिक पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी दोनों तटों से displacement के बाद दूसरे घर्षण points से displacement पर वार्ता हुई।
वहीं, चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 19 फरवरी को पहली बार आधिकारिक रूप में यह स्वीकार किया कि भारत और चीन की झड़प में उनके 4 सैनिक मारे गए थे। वहीं, रॉयटर्स ने चीनी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बताया है कि, "चेन होंगुन, चेन जियानग्रोंग, जिओ सियुआन और वांग ज़ुओरन ने विदेशी सैनिकों के खिलाफ एक भयंकर संघर्ष का सामना किया, जिन्होंने एक समझौते का उल्लंघन किया और चीनी क्षेत्र में घुस आए थे।" रॉयटर्स ने आगे कहा कि, "चेन जियानग्रोंग को मरणोपरांत "गार्डियन ऑफ द फ्रंटियर हीरो" की उपाधि से सम्मानित किया गया, जबकि बाकी तीन सैनिकों को भी प्रथम श्रेणी का मेरिट प्रशस्ति पत्र दिया गया था।"
आपको बता दें कि चीन और भारत के बीच झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। नौ महीने में ये पहली बार है, जब चीन ने इस घटना में मारे गए अपने जवानों के बारे में बताया है। वहीं अब इस पूरे घटना पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था कि पैंगोंग झील इलाके में चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का समझौता हुआ है। इस खबर के बारे में और अधिक जानने के लिए देखिए ये Video…