Infant Sleep Problems: छोटो बच्चे का रोना बेहद आम बात है। ये एक प्रक्रिया होती है जिसके जरीए वे अपनी जरूरत बंया करते हैं। लेकिन अगर आपका शिशु रात में अचानक रोने लगे तो ये आपके लिए परेशानी की वजह बन सकती है। नवजात शिशु की नींद बड़ों के मुकाबले थोड़ी अलग होती है। बच्चे के रोने के कई वजह हो सकते हैं, जिसे शुरुआत में समझना थोड़ा मुश्किल होता है। यहां इस वीडियो में जानें इसका कारण और उपाय...
भूख यह आपके बच्चे के रोने के सबसे मेन कारण में से एक हो सकता है।आपका बेबी जितना छोटा होगा, उसके रोने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।
बच्चे को या तो बहुत गर्मी लग रही है या फिर बहुत ठंड। बेबी अपने शरीर का तापमान आसानी से control नहीं कर पाते हैं। यदि उसे बहुत ज्यादा गर्मी या सर्दी लगे, तो वह रो सकता है।
वहीं, शिशु जब 6 महीने का हो जाता है तो उसे solid food देना शुरू किया जाता है। छोटे बच्चे के लिए खाना बिल्कुल नया होता है और शिशु के पेट को इसे पचाने में समय लगता है। इसलिए आप इस बात का ध्यान रखें कि solid food खिलाना शुरू करने से बच्चे को सबसे पहले आपको क्या खिलाना चाहिए। गाजर, कद्दू, आलू, मटर, शकरकंदी, तोरी, गोभी आदि सब्जियों का प्यूरी। ये कुछ ऐसे भोजन हैं, ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिनके साथ आप शुरुआत कर सकती हैं।
जब आपका शिशु 7-9 महीने का हो जाए तो उसको स्टार्चयुक्त भोजन दें। रागी, चावल, दलिया, आलू, सूजी का उपमा, साबुदाना, ब्रेड। स्टार्चयुक्त खाने के साथ-साथ आप शिशु को हर भोजन में प्रोटीन भी दे सकते हैं जैसे कि अच्छी तरह पके हुए अंडे, डेयरी उत्पाद (पनीर, दही और चीज़), दाल-चावल। 7-8 महीने के बच्चे को आप दही भी खिला सकती हैं। दही का texture बेहद नरम होता है इसलिए शुरुआती solid food में आप बच्चे को दही खिलाएं। दही कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना जाता है और इससे बच्चे का पाचन भी रहेगा।
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