Maharashtra 100.cr case: Bombay हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर (Param Bir Singh) सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला सुनाया है। Bombay हाई कोर्ट ने अपने आदेश में बोला है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर '100 करोड़ रुपए' के वसूली के आरोप में आगे की जांच अब सीबीआई (CBI) करेगी।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस गिरीश एक कुलकर्णी की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करने के दौरान कहा, 'हम जयश्री पाटील की दलीलों से सहमत हैं कि सच्चाई सामने लाने के लिए एक निष्पक्ष जांच कराए जाने की जरूरत है। देशमुख चूंकि गृह मंत्री हैं ऐसे में पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। इस मामले की प्रारंभिक जांच अगर सीबीआई के निदेशक की ओर से की जाती है तो मामले में न्याय हो सकेगा। कानून के अनुरूप एवं 15 दिनों के भीतर प्रारंभिक जांच शुरू करने के आदेश दिए जाते हैं।'
अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'आरोप राज्य के गृह मंत्री पर लगाए गए हैं और आरोप गंभीर है, इसलिए गैरजानिबदारी से जांच के लिए सिर्फ राज्य पुलिस पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है। इसलिए सीबीआई (CBI) को इस मामले की जांच करनी चाहिए”
एंटीलिया केस और सचिन वाजे के मामले में सरकार की expectation के मुताबिक नहीं निपटने की वजह से परमबीर सिंह को पिछले महीने 17 मार्च मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटा दिया गया था। पद से हटने के बाद परमबीर सिंह ने 20 मार्च को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में परंबीर सिंह ने लिखा था कि बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपए जुटाने के लिए महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को कहा था।