Supreme Court on Farmer Protest: SC ने नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की शिकायतों पर गौर करने के लिए एक समिति बनाई है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक तीनों कृषि कानून पर रोक लगा दी है। SC ने किसानों से सहयोग मांगते हुए कहा कि कृषि कानूनों पर ‘जो लोग सही में समाधान चाहते हैं, वे समिति के पास जाएंगे’। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बोले, 'हम कृषि कानून का अमल स्थगित करेंगे, लेकिन इसको अनिश्चित काल के लिए स्थगित नहीं कर सकते हैं। हमारा मकसद केवल सकारात्मक माहौल बनाने का है। कोर्ट ने किसानों की समस्या को सुलझाने के लिए 4 सदस्यीय कमिटी का गठन कर दिया है।
इसी कड़ी में BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत दोटूक अंदाज में बोले कि कमिटी के ये सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के ही लोग हैं, इसलिए उनकी सिफारिश भी सरकार के पक्ष में होंगी। वहीं, बीकेयू प्रवक्ता ने कहा, "अशोक गुलाटी कौन हैं? बिलों (कृषि विधेयकों) की सिफारिश इन्होंने ही कही थी। भूपेंदर सिंह मान पंजाब से हैं। अमेरिकन मल्टिनैशनल जो है, शरद जोशी तो उन्हीं के साथ काम करते थे। महाराष्ट्र शेतकारी संगठन के लोग हैं, एक ही तो विचारधार है जो बाजार के, पूंजीवाद के पक्षधर हैं।" टिकेत ने इसके आगे कहा "जो कमिटी बनी है, वो सरकार के पक्ष में ही फैसला देगी। इनसे आज बुलवा लो या 10 दिन के बाद रिपोर्ट दे दें, फैसला तो सरकार के पक्ष में ही देंगे। कौन सा किसान है इसमें।"
बता दें कि चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता की पीठ ने बताया कि, "हम तीन कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को अगले आदेश तक स्थगित करने जा रहे हैं।" वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर वकील एपी सिंह ने कहा, 'ये किसानों की जीत है उन कानूनों को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्टे कर दिया है हमने कमिटी के लिए कुछ लोगों के नाम सुझाए हैं। कानूनों पर रोक लगाना कहीं न कहीं किसानों की सबसे बड़ी जीत है। अब हम अपने क्लाइंट से बात करेंगे कमिटी में किस को रखेंगे। दूसरी ओर अदालत के फैसले के बाद भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने कमिटी बनाने की बात की है जो लीगल लोग बैठकर बात करेंगे, हम चर्चा करके बताएंगे।